शुक्रवार, 11 जून 2010

छोटा समसो आया है...

इसे महज संयोग कहें या कुदरत का करिश्मा कि एक तरफ पिता का जनाजा उठा और दूसरी तरफ बेटे का जन्म हुआ...इतना बड़ा संयोग शायद ही किसी ने देखा या सुना हो...बात बिहार के नवगछिया जिले के तुलसी पुर की है...समसो असल में खगड़िया जिले के बैसा गांव का रहने वाला ‌था जिसकी शादी तुलसी पुर में हुई थी...समसो अपनी पत्नी के साथ ससुराल में पिछले कुछ सालों से रह रहा था...मंगलवार एक जून की रात अचानक खबर मिली कि उसने जहर खा लिया है और भागलपुर के मायागंज अस्पताल में भर्ती है...करीब एक घंटे के बाद खबर आई कि उसकी मौत हो गई...अचानक यकीन नही हुआ कि समसो अब इस दुनिया मे नही है...बुधवार का दिन बड़ा भारी गुजरा... जहर का केस होने की वजह से मायागंज अस्पताल के कर्मचारियों ने समसों के घर वालों से मोटी रकम की मांग की...उन लोगों ने कहा दस हजार रुपए दो फिर पोस्टमार्टम करेंगे...अगर इन लोगों के पास दस हजार रुपए होते तो समसो अपनी विधवा मां और छोटे छोटे भाई बहन को छोड़ कर ससुराल में रहता ही क्यों...हाथ पैर जोड़ने के बाद उन लोगों ने पोस्टमार्टम किया और शाम तीन बजे के बाद लाश घरवालो के हवाले किया...जब लाश लेकर तुलसीपुर पहुंचे समसो की गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई...वो और एक साथ दो दर्द से गुजर रही थी..पति की मौत और बच्चे के जन्म के दर्द को एक साथ जी रही थी वो...प्रसव पीड़ा के दौरान ही उसने अपने पति को मेहर की रकम माफ किया...और जब समसो का जनाजा उठा उसी समय छोटे समसो ने दुनिया में कदम रखा...ये कहना मुश्किल था कि छोटा समसो दुख भरी दुनिया में आने से दुखी होकर रो रहा था या फिर पिता के जनाजे पर...

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